सोमवार, 6 जुलाई 2020

शत शत बार लूँ  बलैया




नानी जादू
दादी जादू
पूरा जादू मंतर है
सुनो कहानी उसकी
फिर जानोगे
नानी दादी खुद रहस्य है ।
राम और कृष्ण
सीता और राधा
उसके बहते आँसू हैं
उसका चिमटा
जब आग में डोले
दिखती झांसी की रानी है ।
उसके कलेजे लगकर देखो
मिलेगा भारत का इतिहास
क्या था भारत
क्या हुआ भारत
क्या है भारत
ज्ञान का अद्भुत स्रोत पाओगे ।
नहीं बोलती वह अंग्रेजी
तो क्या हुआ
जानती तो है
प्रथम रश्मि का आना
रश्मिरथी पर
उसकी जिह्वा पर रंगिणि सा चहका
श,ष,स का सही उच्चारण
उसकी है पहचान ।
कबीर,रसखान के अर्थ
वह तुमको देगी
नज़र उतारेगी
वेद ऋचाओं से
रहस्यवाद की सीढ़ियों से
मानसरोवर ले जाएगी ।
गर मन इसे अस्वीकार करे
तो गौर से देखना
उसके चेहरे को
वह गंगा जो भगीरथ प्रयास से,
देवनगरी को छोड़,
धरती पर उतरी थी कभी,
वहीं बहती मिलेगी,
चेहरे पर जन्म ले रहीं झुर्रियां
और हैं क्या !
गंगा की रेती पर
लहरों के चढ़ने_ उतरने
सुबह और शाम के गुजरने के
रेशम से मलमली निशान ...
प्यार दुलार आशीर्वचनों से भरी
लेती जायेगी शत शत बार बलैया
ॐ ॐ के उच्चारण से
देगी तुमको थपकी ।

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