विज्ञान नहीं बता सकता कभी कि परियां होती हैं या नहीं,
परियां होती हैं विश्वसनीय सपनों में,
बिना किसी अनुसन्धान के,
वे खेलने आ जाती हैं उन बच्चों के साथ,
उन बड़ों के साथ,
जिनकी सोच शतरंज की बिसात पर नहीं होती,
नहीं चलते जो रहस्यात्मक चाल,
बस जिनके अंदर होता है हमेशा,
एक विस्तृत हरा भरा मैदान,
जिनकी हथेलियों में होता है,
कुछ जादू सा कर दिखाने का हौसला,
जिनके एक इशारे पर,
परियां आ जाती हैं जादुई छड़ी लेकर,
कभी सब्ज़ परी,
तो कभी लाल परी बनकर ।
व्यवहारिक होकर,
तुम परियों तक नहीं पहुँच सकते,
ना ही बच्चों की आंखों में
ख्वाब भर सकते हो ।
किसी दिन,
किसी पल के लिए,
तुम अगर सांता नहीं बनते,
परियों की जीती जागती दुनिया नहीं बसा सकते,
तो तुम्हारे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से,
बच्चे कभी जुड़कर भी नहीं जुड़ेंगे,
तितलियों संग उड़ना नहीं सीखेंगे ...
सटीक सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसच बालमन के सुनहरे सपने कोई विज्ञान नहीं बुन सकता है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर