शनिवार, 29 जुलाई 2017

कुनू की नानी, अमू की दादी ...




आओ आओ
तुमको कहानी सुनाऊँ
नई नई नानी की
*नई नई दादी की
कुनू की नानी की
अमू की दादी की  ...

12 फरवरी 2016 को
कुनू ने आँखें मटकाईं
22 जुलाई 2016 को
अमू ने पलकें झपकाईं
दादी गई वारी वारी
नानी गई वारी वारी
गुलाब की पंखुड़ियाँ लुटाई
मंदिर में जाके मुस्काई
उसके हिस्से इतनी बड़ी दौलत जो आई  ...

फिर तो नानी दादी के दोनों हाथों में लडडू
फिर से सीखने लगी वह राइम्स
A TO Z  अल्फाबेट्स
चिल्ड्रेन सॉन्ग्स वह फिर से गाने लगी
लहरा लहरा के नाचने लगी
"चल मेरे घोड़े टिक टिक टिक"
दुधमुँहे दाँत लिए कुनू अमू हँसती है
दोनों का पहला हैप्पी बर्थडे हो गया
दोनों समझदार हो गई
...
सबको चकमा देकर
खिलौने छोड़कर
कुनू अमू जाना चाहती है रसोई में
खोलना चाहती है कोई दराज
कोई आलमारी
कुछ नहीं तो चम्मच ही हो जाता है ख़ास
और मोबाइल, लैपटॉप तक पहुँच गए
तब तो बल्ले बल्ले  ...

दादी बेचती है दही
कागज़, कागज़ की प्लेट
जो बने होते हैं दही की मटकी
वह गिर जाती है धड़ाम
हे हे हे हे  ... अमू खिलखिलाती है
कैमरा होता है क्लिक

नानी करती है ता थई तत थई
कुनू गोल गोल घूमती है
दुहराती है ताथै  ...

छोटे खिलौने
बड़े खिलौने
चलनेवाली कार
स्लेट
.... और इसके बीच एक बहुत बड़ा खिलौना
कुनू की नानी
अमू  की दादी
गीतों की पिटारी
कहानियों की पिटारी
चुटकी बजाते लोरी बनाती पिटारी
एक गोदी में आये
तो दूजी
 सटके खड़ी होती
बारी बारी का सवाल नहीं है उनकी स्लेट पर
एकसाथ उठाओ गोदी
एक जैसी चीजें दो
जो खिलाओ - दोनों को खिलाओ

हाँ तो बच्चों
दादी नानी है कमाल की
जादू बन जाती है
तोतली आवाज़ में बोलती है
तोतली आवाज़ में गाती है
छुप्पाछुप्पी भी पुरजोर चलती है
कुनू आँख बंद करके चलती है
अमू बोलती है झांआआआ
नानी दादी कहती है ,
आ रे सितारे
कुनू अमू को सुलाओ रे
कुनू अमू सोए
सपनों में खोए
नन्हां राजकुमार आए
घोड़े पे ले जाए
सैर कराए
चन्दा से मिलाये

नानी कुनू  सो गई
दादी अमू भी सो गई  ......... बोलो
बोलो बोलो - गुड नाईट !

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