#चेस_और_ज़िंदगी
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"अरे अनुभव! जब देखो तुम लैपटाॅप में ही लगे रहते हो। कभी अपनी माँ से भी बात कर लिया करो।"😈
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"अरे अनुभव! जब देखो तुम लैपटाॅप में ही लगे रहते हो। कभी अपनी माँ से भी बात कर लिया करो।"😈
"माँ मैं ऑनलाइन चेस खेल रहा हूँ। क्या करूँ कोई नहीं है जिसके साथ खेलूँ। मेरे कोई दोस्त चेस खेलना नहीं चाहते।"😡
"ओह! ऐसी बात है। वैसे चेस तो तुमको अच्छे से आता है। फिर तो तुम खूब जीतते होगे?"☺
"नहीं माँ! मैं चाहे जितनी अच्छी चालें जानता हूँ लेकिन हर बार हार जाता हूँ।"😓😓
"अनु! ऐसा करो चेसबोर्ड ले आओ। देखती हूँ तुम कहाँ गल्ती करते हो?"
"माँ आपको आता है चेस खेलना?😯
"थोड़ा थोड़ा ☺☺
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"अरे माँ! आपको तो बहुत अच्छा खेलना आता है। आप तो हर बार जीत रही हैं। मैं हमेशा हार जाता हूँ।" 😧
"जानते हो क्यों?"😌
"क्यों माँ?😬😬
"बेटा! नो डाउट तुम्हारी चालें बहुत अच्छी हैं लेकिन तुम अपनी एक चाल चलने के बाद मेरी चाल नहीं देखते हो कि मैंने कोई मोहरा चला है तो क्यों? तुमको अपनी अगली चाल चलने का इंतजार रहता है। तुम चाहते हो कि कितनी जल्दी मैं अपना मोहरा बढ़ाऊँ और तुम अपनी सोची हुई चाल चल सको" 😒
"ओह माँ! ये सही कह रही हैं आप। मैं वाकई ऐसा ही करता हूँ।"😣
"अनुभव! क्या तुमको पता है हमारी ज़िंदगी में बहुत कुछ चेस की तरह होता है?
"वो कैसे माँ?" 😯
" आज मैं तुमको सिर्फ़ एक उदाहरण दूंगी।
पता है जब हमारे सामने कोई अपनी बात कह रहा होता है तब हम उसकी बात सही से सुनते नहीं बल्कि अपने बोलने का इंतजार कर रहे होते हैं। इस तरह सामने वाले ने क्या कहा और क्यों कहा? दरअसल वो हमें पता ही नहीं होता, क्योंकि हमारा ध्यान उसके बोलने पर नहीं बल्कि, जो हमें बोलना है इस पर होता है।"
पता है जब हमारे सामने कोई अपनी बात कह रहा होता है तब हम उसकी बात सही से सुनते नहीं बल्कि अपने बोलने का इंतजार कर रहे होते हैं। इस तरह सामने वाले ने क्या कहा और क्यों कहा? दरअसल वो हमें पता ही नहीं होता, क्योंकि हमारा ध्यान उसके बोलने पर नहीं बल्कि, जो हमें बोलना है इस पर होता है।"
"हाँ माँ! जैसे चेस खेलते समय मेरा ध्यान सिर्फ़ अपनी चाल चलने पर होता है। सामने वाले की चाल पर नहीं।" 😉
"बिल्कुल सही पकड़े हो। 😃
दरअसल जब सामने वाला अपनी बात को दृढ़ता से कहता है तो उसकी बात को ध्यान से सुनो। अगर कोई बात विज्ञान से संबंधित है तो देखो उसकी बात में वैज्ञानिक विश्लेषण है या नहीं? कोई बात तार्किक है तो उसके तर्कों को समझने की कोशिश करो। और हाँ अतार्किक बात पर कोई प्रतिक्रिया न दो।
जब तुम किसी की बातों को ध्यान से सुनते हो तो दरअसल तुम उसको दिमाग में स्टोर कर पाते हो। और जो दिमाग में स्टोर होता है वह तुमको याद रहता है। किसी की बात को ध्यान से सुनने पर तुम उसके शब्दों को नहीं उसमें छिपे अर्थ को समझते हो। अगर ज़िंदगी में कुछ सीखना है तो पहले दूसरों को सुनना सीखो। चेस के खेल की तरह धैर्य रखना सीखो। अपने बोलने या अपनी चाल चलने के इंतजार मात्र से तुम कुछ सीखने से और जीतने से वंचित रह जाओगे।"
दरअसल जब सामने वाला अपनी बात को दृढ़ता से कहता है तो उसकी बात को ध्यान से सुनो। अगर कोई बात विज्ञान से संबंधित है तो देखो उसकी बात में वैज्ञानिक विश्लेषण है या नहीं? कोई बात तार्किक है तो उसके तर्कों को समझने की कोशिश करो। और हाँ अतार्किक बात पर कोई प्रतिक्रिया न दो।
जब तुम किसी की बातों को ध्यान से सुनते हो तो दरअसल तुम उसको दिमाग में स्टोर कर पाते हो। और जो दिमाग में स्टोर होता है वह तुमको याद रहता है। किसी की बात को ध्यान से सुनने पर तुम उसके शब्दों को नहीं उसमें छिपे अर्थ को समझते हो। अगर ज़िंदगी में कुछ सीखना है तो पहले दूसरों को सुनना सीखो। चेस के खेल की तरह धैर्य रखना सीखो। अपने बोलने या अपनी चाल चलने के इंतजार मात्र से तुम कुछ सीखने से और जीतने से वंचित रह जाओगे।"
"माँ! यू आर जीनियस।" 👏👏😍
और बातें बताइए माँ..मैं आपकी बातों को चेस से कोरिलेट कर पा रहा हूँ।" 😊
और बातें बताइए माँ..मैं आपकी बातों को चेस से कोरिलेट कर पा रहा हूँ।" 😊
"आज के लिए इतना ही..😌😌