मंगलवार, 22 नवंबर 2016

बड़े हो जाओ खूब बड़े हो जाओ पर थोड़ा रुको ... :)




बड़े हो जाओ
खूब बड़े हो जाओ
पर थोड़ा रुको
नन्हें नन्हें फ्रॉक पहन लो अच्छी तरह :)
बड़े हो जाओ
खूब बड़े हो जाओ
पर थोड़ा रुको
ये जो अबोध खिलखिलाहट है
उसे भरपूर जी लो, जीने दो :)
बड़े हो जाओ
खूब बड़े हो जाओ
पर थोड़ा रुको
झां झां अच्छी तरह खेल लो :)
बड़े हो जाओ
खूब बड़े हो जाओ
पर थोड़ा रुको
एक बार स्कूल जाने लगोगे
फिर ये सबक वो सबक
थोड़ा गुस्सा
थोड़ी हिदायतें  ... :)
बड़े हो जाओ
खूब बड़े हो जाओ
पर थोड़ा रुको
अपनी नन्हीं सी दुनिया को
बाहों में समेट लो
एक नन्हीं सी डिबिया में संजो लो
नानी/दादी की कहानियों को
पापा,मम्मा के दुलार को
मामा मौसी बुआ के जादुई चिराग को
सिरहाने रख लो
जब कभी लगे
- कहाँ गया बचपन !
सब निकालना अपनी पिटारी से
फिर एक डायरी बनाना
सब लिखना
ताकि जब बहुत बड़े हो जाओ
तो एक दिन अपने घर की बालकनी में
उसे पढ़ते हुए
थोड़ा थोड़ा बच्चे बन जाना तुम
:)
बड़े हो जाओ
खूब बड़े हो जाओ
पर थोड़ा रुको  ... :)

1 टिप्पणी: