रविवार, 4 जून 2017

मंथन करना सीखो




सबसे बड़ा रुपैया नहीं होता बेटा 
सबसे बड़ा होता है आपस का प्यार 
ख्याल 
सम्मान .... 
बासी रोटी सुख-संतोष धन देती है 
जब जैसा मिले खाओ 
पहनो 
.... निःसंदेह,
पैसा तुम्हारे लिए कुछ भी उपस्थित कर सकता है 
पर उस लेने की भीड़ में 
तुम सिर्फ चीजों का ही आकलन करते रह जाओगे !
प्रकृति ने बिना मोल के 
क्या क्या दिया है 
तुम उसकी गहराई में नहीं उतर पाओगे !
जीने के लिए ज़रूरी है 
व्यक्तित्व का निर्माण 
जिसके लिए 
सत्य का मार्ग अपनाना होता है 
कर्ण की दानवीरता 
एकलव्य की निष्ठा 
अर्जुन का लक्ष्यभेद 
और कृष्ण का सारथि होना 
तुम्हें ज्ञान का 
अद्भुत मार्ग दिखाएंगे 
सुदामा की मित्रता 
मित्रता के सच्चे अर्थ देगी 
.... 
प्रकृति के कण कण में 
ईश्वर ने कई गीत,
और रंग भरे हैं 
सीखने के लिए 
उन सबके पास 
शांत,स्थिर मन के साथ 
बैठना होगा 
..... 
पैसा ज़रूरी है 
लेकिन 
हर परीक्षा पास करने के बाद !
ताकि 
तुम उसका उचित प्रयोग कर सको 
सिर्फ मॉल 
चकाचौंध की यात्रा 
डिस्को 
और इससे जुडी स्पर्धा की दौड़ 
तुम्हें बर्बाद करेगी 
दीमक की तरह 
... 
प्रायः गलत रास्ते आकर्षित करते हैं 
आकर्षण यदि तुम्हें अपनी ओर खींचे 
तो सोचो 
इससे क्या होगा !
मंथन करना सीखो,
मंथन से ही अलग होगा 
अमृत और विष !
.... 

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