कुनू अमू
ये है अम्मा की ख्वाहिश, उनकी बताई सीख,
जो एक कवच ही है
आओ, पहनो इसे दृढ़ता के साथ
तुम्हारे लिए....
सपने देखो तो ज़रूर
समझो सपनों की भाषा
निश्चित तुमको मिलेगी मंजिल
पूरी होगी आशा !
सपने साथ में हैं गर तेरे
तू मजबूर नहीं है
तूफानों से मत घबराना
मंजिल दूर नहीं है !
बड़े पते की बात है प्यारे
घबराकर मत रोना
आग में तपकर ही जो निखरे
है वही सच्चा सोना !
बुरा नहीं होता है प्यारे
आंखों का सपनाना
सपने सच भी होते हैं
यह मैंने भी है जाना !
सपने ही थे साथ सफर में
और तेरा हमसाया
कतरे की अब बात भुला दे
दरिया सामने आया !
नहीं असंभव बात ये कोई
फिर हो नई कहानी
तुम बन जाओ एक और
धीरू भाई अम्बानी !
सरस्वती प्रसाद (अम्मा)
.
जवाब देंहटाएं.
.
अम्मा की सीख, सुरक्षा कवच भी।
आभार।
...
बहुत प्यारा और सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत अपना सा ......
जवाब देंहटाएंप्यारी तस्वीर।
जवाब देंहटाएंप्रेरक शब्द।
लाडलो को दी जाने वाली अम्मा की प्यारी सीख
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंरामराम