बुधवार, 15 मार्च 2017

माँ,पापा - जीवन में दोनों की मिलावट ज़रूरी है




गर्भनाल का एक हिस्सा माँ के अंदर
एक बच्चे के अंदर
नौ महीने का यह रिश्ता सबसे अनोखा
सबसे अनमोल होता है !
इस नाल के ख्याल में जो पिता
रात दिन सपनों के तार जोड़ता है
वह बहुत ख़ास होता है।
 माँ की असह्य तकलीफ में
हौसले का राग भरता है
बच्चे की पहली रुदन में
अपनी धड़कन जोड़ता है
उसकी ऊँगली पकड़कर
सारी दुनिया मुट्ठी में लगती है !
माँ बच्चे की तोतली प्रतिध्वनि बनती है
पिता सपनों का आधार
जीवन को सशक्त स्तम्भ बनाने के लिए
दोनों की मिलावट ज़रूरी है 

1 टिप्पणी: